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सूर्यग्रहण, इन उपायों से मिलेगा फायदा
डॉ श्रद्धा सोनी, वैदिक ज्योतिषाचार्य, रतन विशेषज्ञ
अगर ग्रहण के बाद कुछ उपाय किए जाएं तो शनि दोष, पितृदोष और कालसर्प दोष से मुक्ति मिल सकती है।
आज यानि अमावस्या के दिन पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पवित्र नदी में स्नान किया जाता है और दान दिया जाता है। हालांकि इस बार कोरोना महामारी की वजह से आप बाहर नहीं जा सकते। साथ ही सूर्य ग्रहण भी लग रहा है तो सुबह आप सामान्य स्नान करें और ग्रहण के बाद घर के पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं।
आज अमावस्या के दिन पितरों के नाम पर ग्रहण के बाद दान करना बहुत शुभ माना जाता है। इससे उनका आशीर्वाद भी प्राप्त होता है, जिससे घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। साथ ही ग्रहण के बाद तुलसी पर दीपक जरूर जलाएं, ऐसा करने से घर की कलह और दरिद्रता दूर होती है।
मान्यता है कि इस अमावस्या के दिन पितर घरों में अन्न-जल ग्रहण करने आते हैं। इस दिन पितरों के नाम पर किए गए कार्य सीधे उन तक पहुंचते हैं और विशेष पुण्य का फल प्राप्त होता है। सूर्यग्रहण खत्म होने के बाद गरीब को भोजन करवा सकते हैं, अगर संभव ना हो तो आटा, घी, दक्षिणा और कपड़े समेत कुछ जरूरी चीजें मंदिर में दान कर सकते हैं।
पितृदोष से मुक्ति के लिए आप सूर्य ग्रहण के बाद भगवान शिव का दूध से अभिषेक करें और किसी गरीब व्यक्ति को दूध या फिर खिर खिला दें, ऐसा करने से पितृदोष दूर हो जाता है। आप इस शुभ दिन पर कालसर्प दोष और शनि दोष भी दूर कर सकते हैं।
अमावस्या की शाम को सूर्य ग्रहण के बाद पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और अपने पितरों को याद करके सात बार परिक्रमा करें। इसके बाद गरीब व्यक्ति का दान-दक्षिणा दें। ऐसा करने से भाग्य उदय होता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।
सूर्यग्रहण के बाद हनुमानजी के सामने चमेली के तेल का दीपक जलाएं और हनुमान चालिसा और सुंदरकांड का पाठ करें। ऐसा करने से आपके सभी कार्य बनने लगते हैं और शत्रुओं का नाश होता है। साथ ही घर-परिवार से नकारात्मक ऊर्जा दूर चली जाती है, जिससे घर में शांति रहती है।